कोई पत्रकार खबरों से इतर जब किताब लिखता है तो अमूमन उस किताब में लेखक की पत्रकार छवि स्पष्ट दिख रही होती है. यह बात धवल कुलकर्णी की किताब 'ठाकरे भाऊ' पढ़ते हुए और मजबूती के साथ उभरती है.
from Latest News लाइफ़ News18 हिंदी https://ift.tt/3vcjyok
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment