पंजाबी कवि अवतार सिंह संधू पाश की एक कविता है 'घास'. इसके शुरू में ही उन्होंने लिखा है - मैं घास हूं, आपके हर किए धरे पर उग आऊंगा... इन पंक्तियों को आज इसलिए याद कर रही हूं क्योंकि हमने देखा है कि घास की जिजीविषा एकदम अद्भुत होती है. ...
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