जमा देने वाला तापमान. आहिस्ता-आहिस्ता ऊपर चढ़ रही थी, तभी रस्सी पर कुछ लटका दिखा. वो एक लाश थी. अब अगर मैं ऊपर जा सकती थी तो मुझे उसे छूते हुए गुजरना था. एवरेस्ट पर लाशों के सैकड़ों किस्से सुने थे लेकिन सोचा नहीं था कि मेरा भी इससे सामना हो सकता है. एक तरफ एवरेस्ट था तो दूसरी तरफ मेरा डर.
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