Mirza Ghalib Death Anniversary: किसी भी जगह कोई शायरी (Shayari) की बात करे तो मिर्ज़ा ग़ालिब के बिना बात पूरी नहीं होती. असदउल्लाह बेग खान जिन्हें हम मिर्ज़ा ग़ालिब के नाम से जानते हैं वह आगरा में पैदा हुए लेकिन दिल्लीवाले शायर हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव देखे. 15 फरवरी 1869 को मिर्ज़ा ग़ालिब का निधन हो गया था. आज इस बात को 153 साल हो गए हैं. इतने वर्ष बाद भी ग़ालिब पुरानी ही नहीं, नई पीढ़ी के बीच भी अपनी शायरी से जिंदा हैं. मिर्ज़ा ग़ालिब शब्दों से खेलना जानते थे. उनकी शायरी का दुनिया की सभी जुबानों में अनुवाद हुआ है. उन्होंने जो पत्र अपने मित्रों और शागिर्दों को लिखे उन पर भी न जाने कितनी पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं. उनके द्वारा लिखे गए पत्र आज उर्दू साहित्य का कीमती और बहुमूल्य संकलन हैं. आइए आज के दिन उन्हें याद करते हुए उनकी कुछ शायरियां पढ़ते हैं. (साभार-रेख्ता)
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