 रेलवे स्टेशन पहुंचा तो दिल्ली के लिए ट्रेन लगी देखी. मैं बैठ गया. जेब चुराए हुए सिक्कों से भरी हुई थी. कबाड़ी का काम करते, प्लेटफॉर्म पर सोते और ढाबे में बर्तन धोते हुए कैमरा थामा. कूड़ा बीनते हुए तस्वीरें बुनना आसान नहीं था. दास्तां, विकी रॉय की जो आज जाने-माने फोटोग्राफर हैं.
रेलवे स्टेशन पहुंचा तो दिल्ली के लिए ट्रेन लगी देखी. मैं बैठ गया. जेब चुराए हुए सिक्कों से भरी हुई थी. कबाड़ी का काम करते, प्लेटफॉर्म पर सोते और ढाबे में बर्तन धोते हुए कैमरा थामा. कूड़ा बीनते हुए तस्वीरें बुनना आसान नहीं था. दास्तां, विकी रॉय की जो आज जाने-माने फोटोग्राफर हैं.from Latest News लाइफ़ News18 हिंदी https://ift.tt/2Nxf1XO
 
 
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