Life story of adhvi Vishweshwari Devi: उम्र सिर्फ 8 साल हो और आपको कथावाचक की व्यास गद्दी पर बैठा दिया जाए, तो इसे क्या कहेंगे. कुछ ऐसा ही हुआ मध्य प्रदेश की माधुरी के साथ. सामान्य ब्राह्मण परिवार में जन्मीं माधुरी घर में होने वाले श्रीमद्भागवत और सुंदरकांड आदि के पाठ से इतनी प्रेरित हो गईं कि उन्हें कई कथाएं कंठस्थ हो गईं. फिर क्या, एक दिन अचानक उनके नानाजी ने इस छोटी सी बच्ची को व्यास पीठ पर बैठा दिया और इस तरह वह कथावाचक बन गईं. कुछ ऐसी ही कहानी है प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ. विश्वेश्वरी देवी की.
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