3 Leaves reduced uric: शरीर में जब प्रोटीन के टूटने से यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है तब अर्थराइटिस की बीमारी हो जाती है. इस बीमारी में जोड़ों में बेपनाह दर्द करता है. मरीज दर्द से छटपटाने लगता है. इसमें जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं. आमतौर पर यूरिक एसिड किडनी से होते हुए पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है. लेकिन जब जरूरत से ज्यादा प्यूरिन शरीर में बनने लगे तो किडनी इसे बाहर निकालने में सक्षम नहीं हो पाता है. इसके बाद यह अतिरिक्त यूरिक एसिड शरीर में जोड़ों के कार्टिलेज में जमा होने लगता है और यह सूजन पैदा करने लगता है. इससे गठिया की बीमारी होती है. यह बहुत ही दर्दनाक बीमारी है. एक सामान्य व्यक्ति में 3.5 से 7.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर में यूरिक एसिड होना चाहिए. इससे ज्यादा हो जाने पर दर्द बहुत बढ़ जाता है. यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए हालांकि डाइट पर भी नियंत्रण जरूरी है लेकिन कुछ ऐसी मेडिसीनल पत्तियां होती हैं जिन्हें चबाने से अर्थराइटिस के दर्द से राहत मिलती है.
from Latest News लाइफ़ News18 हिंदी https://ift.tt/bBh64KT
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment