Body fat is a risk for cognitive function : एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि अगर ज्यादा बॉडी फैट होने से सोचने और याददाश्त से जुड़े कामों में दिक्कत होती है. ये परेशानी खासतौर पर वयस्कों में होती है, जिनमें सूचनाओं की प्रोसेसिंग की स्पीड कम हो जाती है. रिसर्चर्स ने कार्डियोवस्कुलर रिस्क के कारकों (जैसे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर) या वस्कुलर ब्रेन इंजरी को लेकर स्टडी की तो पाया कि बॉडी फैट यानी शरीर की चर्बी और कम संज्ञानात्मक स्कोर (cognitive score)के बीच गठजोड़ा का संबंध कायम दिखा.
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