आरटीएमएस की प्रक्रिया उस स्थिति में अपनाई जाती है, जब डिप्रेशन के ट्रीटमेंट में दवा का असर नहीं होता है. ऐसे में इस विधि के प्रभाव को जानना और भी जरूरी हो जाता है. इस स्थिति में आरटीएमएस सेशन के दौरान इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्वाइल वाले एक उपकरण को रोगी की खोपड़ी पर रखा जाता है.
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